एग्जिट पोल चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं कि आएगा तो मोदी ही. नक्कारों के इसी शोरगुल के बीच तूती की एक आवाज भी सुनाई दी है. दबी आवाज में तूती एक खबर दे रही है और कह रही है कि मुलायम सिंह और उनके बेटे अखिलेश यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है.
तूती की इस आवाज को अनसुना कर दिया जाए तो नतीजा सिफर, लेकिन सियासी मायनों पर गौर किया जाए तो गणित साफ समझ में आता है. क्या ये सीधी सादी प्रक्रिया है या लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले किसी भी कमीबेशी लिए समर्थन का इंतजाम.
एग्जिट पोल का सच क्या है ये 48 घंटे बाद रुझानों की शक्ल में तब सामने आना शुरू होगा जब 23 तारीख को वोटों की असल गिनती शुरू होगी. लेकिन सियासी सच ये है कि वोटों की गिनती से ठीक पहले सीबीआई ने देश की सबसे बड़ी अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. यानी दोनों ही नेता बरी समझे जाएं. कहा भी जा सकता है कि इसमें कौन सी नई बात है, लेकिन कम से कम इस हलफनामे की टाइमिंग पर तो सवाल बनता ही है.