क्या आपके बच्चे सरकार का विरोध कर रहे हैं। क्या आपके बच्चे सरकार का समर्थन कर रहे हैं। ये बच्चे आपके ही हैं, जो जामिया मिलिया, जेएनयू, आईआईटी से लेकर एएमयू तक या तो पत्थर चला रहे हैं या पुलिस की लाठी खा रहे हैं। ये बच्चे आपस में मारपीट कर रहे हैं, गाड़ियां फूंक रहे हैं। आप जानते भी हैं कि, आपके बच्चे कर क्या रहे हैं। असल में, आपने बच्चों का एडमिशन कराया, बाहर भेज दिया और भूल गये। आप तो सिर्फ ये सोच कर बैठे हैं, कि बच्चे गये और अब तो कुछ न कुछ बन कर ही वापस लौटेंगे। बच्चे सब समझ रहे हैं। बस आप नहीं समझ रहे हैं, कि वो क्या समझ रहे हैं। समझ लीजिये नहीं तो वक्त निकल जायेगा। आप कितने लापरवाह हैं, कितने बिज़ी हैं, बच्चों के दिल से कितना दूर हैं। ये जानने के लिये, महाराष्ट्र की नंबर वन लोकमत समाचार मैग्ज़ीन में छपा मेरा ये आर्टिकल पढ़िये ।
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