नोएडा SSP केस: ब्यूरोक्रेसी का बवंडर, करप्शन का ‘छपाक’, अफसर हलाक

by admin

प्याज कितना भी महंगा या सस्ता हो, परत उतारने पर रुलाता जरूर है. यहां प्याज का मतलब है, सिस्टम. इस सिस्टम की परत दर परत उतारी जाये, तो पता चलता है कि सियासत, सरकार और सरकार चलाने वाली मशीनरी, प्याज की परतों की तरह ही लेयर्स में काम करती है. सिस्टम में बने रहने का सबसे जरूरी फैक्टर है कि सिस्टम की लेयर्स एक दूसरे से चिपकी रहे. बस यही हुआ उत्तर प्रदेश में.

एक आईपीएस की, एक लड़की से वीडियो चैटिंग वायरल हो गई, और उस आईपीएस ने सिस्टम के करप्शन की, परत दर परत उधेड़ डाली. अफसरों की आपसी लेयर लिंचिंग में, प्याज के आंसू रो रही सरकार को, आखिरकार अपने फेवरेट अफसरों को सिस्टम से हटाने का फैसला करना ही पड़ा. वैभव कृष्ण सस्पेंड कर दिये गए. अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, गणेश साहा, राजीव नारायाण मिश्र, हिमांशु कुमार के खिलाफ छोटी मोटी नहीं, बल्कि एसआईटी जांच का फरमान जारी कर दिया गया.

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